Bachpan Ke Dukh......


बचपन के दुःख कितने अछे थे ,
तब दिल नहीं सिर्फ खिलोने टुटा करते थे 
आज एक आंसू  नहीं सहा जाता,
बचपन में तो जी भरके रोया करते थे .
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